रहस्यों की दुनिया में आपका स्वागत है।यहाँ आपको ऐसे ऐसे रहष्यो के बारे में जानने को मिलेगा जिसको आप ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा।
बनारस के मणिकर्णिका घाट की तरह कोलकाता का नीमतला घाट भी काले जादू और श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए प्रसिद्ध है। पूरी तरह से मौन रहने के बाद लोग आधी रात को अघोरी साधना करते हैं, जलते हुए शवों का मांस खाते हैं और भोर तक साधना जारी रखते हैं।
कोलकाता, भारत में हुगली नदी पर स्थित निमताला घाट का इतिहास 18वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है। एक महत्वपूर्ण व्यापार और वाणिज्य बंदरगाह के रूप में, यह एक सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र के रूप में विकसित हुआ है, जहाँ विभिन्न त्यौहार और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। इसकी ऐतिहासिक विरासत ने इसके आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व में योगदान दिया है, जबकि धार्मिक त्यौहारों और परंपराओं के साथ इसका जुड़ाव इसे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मूल्य प्रदान करता है। आज, यह स्थानीय लोगों और आगंतुकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य बना हुआ है।
कोलकाता के प्रसिद्ध आकर्षणों में विक्टोरिया मेमोरियल, फोर्ट विलियम, हावड़ा ब्रिज, बिड़ला प्लेनेटेरियम और अलीपुर चिड़ियाघर शामिल हैं। हालाँकि, अंधेरे के बाद आगंतुकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य, निमताला घाट का एक आकर्षक इतिहास है। अपने शांत वातावरण के लिए जाना जाने वाला यह घाट अपनी डरावनी कहानियों के लिए कुख्यात हो गया। मध्य युग के दौरान, इसका उपयोग श्मशान स्थल के रूप में किया जाता था, जहाँ प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक लोगों को दफनाया जाता था, जिससे यह कोलकाता की सबसे डरावनी जगहों में से एक बन गई। निमताला घाट के आकर्षक इतिहास की खोज करना सार्थक है।
निमताला घाट पश्चिम बंगाल में एक भयावह स्थान है, जो काली पूजा के बाद जले हुए शरीर की राख को खाने वाले अघोरियों से जुड़ा हुआ है। लोगों का मानना है कि वे अपने शरीर पर राख भी लगाते हैं। यह घाट आधी रात के बाद रोने, चीखने और हंसने की आवाज़ों का भी स्रोत है, जिसमें बच्चों और बुजुर्गों की आवाज़ें आती हैं। मृत आत्माओं के आधी रात को नाचने और गाने की भी खबरें हैं, और सफेद कपड़े पहने लोग घाट के आसपास घूमते हैं। कोलकाता में अन्य डरावनी जगहें, जैसे कि रवींद्र सरोबर, पुतुलबारी, राइटर्स बिल्डिंग और साउथ पार्क स्ट्रीट कब्रिस्तान, लोगों द्वारा अक्सर नहीं देखी जाती हैं। इन जगहों को इस क्षेत्र में सबसे खतरनाक माना जाता है।नीमतला घाट एक भूतिया जगह है, जिसके बारे में कहा जाता है कि आधी रात के बाद यहाँ लोग हँसते हैं, चिल्लाते हैं, रोते हैं, साथ ही बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं की आवाज़ें भी आती हैं। इसके अलावा, ऐसा माना जाता है कि आधी रात को मृत आत्माएँ वहाँ नाचती-गाती हैं।
कोलकाता, भारत में हुगली नदी पर स्थित निमताला घाट एक भूतिया स्थल है, जिसका अलौकिक कहानियों का समृद्ध इतिहास है। स्थानीय लोग घाट से निकलने वाली अस्पष्ट ध्वनियों के बारे में आगंतुकों को चिढ़ाते रहे हैं, अक्सर उन्हें अलौकिक शक्तियों या आत्माओं का श्रेय देते हैं। यह स्थल एक भूतिया स्थान है, जहाँ आगंतुक अक्सर वहाँ होने वाली अस्पष्ट घटनाओं के बारे में सोचते रहते हैं। कुछ लोग इन कहानियों को अंधविश्वास मानते हैं, जबकि अन्य मानते हैं कि निमताला घाट में दिखने से कहीं ज़्यादा कुछ है। जब आगंतुक इन रहस्यमयी ध्वनियों के संकेतों को सुनते हैं, तो उन्हें आश्चर्य होता है कि क्या कोलकाता के इस शांत कोने में कुछ अलौकिक चल रहा है।कोलकाता के सबसे पुराने श्मशान घाटों में से एक, निमताला घाट एक भूतिया जगह है जहाँ अघोरी काली पूजा के दौरान जले हुए शवों को खाने और उनकी राख को अपने शरीर पर लपेटने के लिए इकट्ठा होते हैं। यह भयावह दृश्य कहानियों और फिल्मों में आम है, और इसमें रहने का अनुभव निस्संदेह एक स्थायी छाप छोड़ेगा।
कोलकाता, भारत का एक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक केंद्र है, जो अपने समृद्ध इतिहास और संस्कृति के लिए जाना जाता है। आगंतुकों को ऐतिहासिक इमारतों, स्मारकों, मंदिरों, संग्रहालयों और शॉपिंग मार्केट्स को देखने सहित शहर की सुंदरता को देखने के लिए समय निकालना चाहिए। जो लोग डरावनी फिल्मों और कहानियों का आनंद लेते हैं, उनके लिए कोलकाता में कई भूतिया जगहें हैं। आगंतुक ऐतिहासिक इमारतों, स्मारकों, मंदिरों और संग्रहालयों को देखने के रोमांच का भी आनंद ले सकते हैं। कोलकाता की अनूठी पेशकशों को देखने के लिए काम से समय निकालना प्रयास के लायक है। चाहे आप पर्यटक हों या डरावनी फिल्मों के प्रशंसक, कोलकाता एक अनूठा और अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है।भारत में 1717 में निर्मित श्मशान घाट का 2000 साल पुराना दाह संस्कार का समृद्ध इतिहास है। 2010 में, केंद्र सरकार ने ₹140 मिलियन (US$2.0 मिलियन) की लागत से इस सुविधा का जीर्णोद्धार किया। 2010 की परियोजना के तहत रवींद्रनाथ टैगोर स्मारक का सौंदर्यीकरण किया गया। घाट को लोकप्रिय साहित्य में भी चित्रित किया गया है, विशेष रूप से 2013 के केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता मलयालम उपन्यास आराचर में।
प्रश्न और उत्तर
Question 1: हुगली नदी का उद्गम स्थल कहाँ है?
Answer 1: हुगली नदी का उद्गम स्थल हैमाचल प्रदेश के त्रिशुल पर्वत के समीप, नाइना ताल से।
Question 2: हुगली नदी का उद्गम स्थल किस राज्य में स्थित है?
Answer 2: हुगली नदी का उद्गम स्थल हैमाचल प्रदेश में स्थित है।
Question 3: हुगली नदी की प्रमुख शाखाएँ कौन-कौन सी हैं?
Answer 3: हुगली नदी की प्रमुख शाखाएँ अगरपादा, मायूरकुम, माछादावा, आडाई, और द्वारकेश्वर हैं।
गंगा को कोलकाता में हुगली क्यों कहा जाता है?
"हुगली" नाम नदी के मूल नाम से लिया गया है, जो "हुगली" या "भागीरथी" है। गंगा नदी पश्चिम बंगाल में कोलकाता शहर (जिसे पहले कलकत्ता के नाम से जाना जाता था) के पास दो मुख्य सहायक नदियों में विभाजित हो जाती है।
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